देहरादून

दून के कोरोनेशन अस्पताल में देर रात स्वास्थ्य मंत्री ने मारा छापा, बोले एक भी मरीज रेफर हुआ तो खैर नहीं

देहरादून। स्वास्थ्य मंत्री डॉ धन सिंह रावत ने गुरुवार देर रात कोरोनेशन अस्पताल में छापा मारा। उन्होंने अस्पताल की इमरजेंसी और आईसीयू का औचक निरीक्षण कर मरीजों से बात कर मिल रही सुविधाओं की जानकारी ली।

स्वास्थ्य मंत्री के दौरे के दौरान अस्पताल के आईसीयू में तीन मरीज भर्ती मिले। मंत्री को यहां ईएमओ डॉ दीपक गहतोड़ी, डॉ मनीष शर्मा, फार्मासिस्ट सीएम राणा ने निरीक्षण करवाया और जानकारी दी। उन्होंने कहा कि मरीज भर्ती न करने की लगातार शिकायत मिल रही है, हिदायत दी कि अस्पताल से किसी भी मरीज को रेफर न किया जाए। राजधानी के जिला अस्पताल में हर तरह के मरीजों के इलाज की सुविधा होनी चाहिए। सख्त निर्देश दिए कि अस्पताल की इमरजेंसी को और सुविधा सम्पन्न बनाया जाए। स्वास्थ्य मंत्री ने कहा कि अस्पताल में 12 और स्टाफ नर्सों की जल्द तैनाती की जाएगी। ताकि मरीज भर्ती करने में किसी तरह की परेशानी न हो। स्वास्थ्य मंत्री रात 10 बजकर 13 मिनट पर अचानक अस्पताल की इमरजेंसी में पंहुचे और मंत्री को देख अस्पताल का स्टाफ हक्का बक्का रह गया। सबसे पहले इमरजेंसी में पहुंचे, यहां मरीजों से बात की। डॉ ईएमओ मनीष शर्मा यहां मरीज देख रहे थे।

मंत्री ने 30 जून को कोरोनेशन अस्पताल में 10 बेड के आईसीयू का शुभारंभ किया था। लेकिन एक सप्ताह तक डॉक्टरों ने एक भी मरीज को आईसीयू में भर्ती नही किया था। आपके अपने अखबार हिंदुस्तान ने इस खबर को प्रमुखता से प्रकाशित कर आईसीयू की हकीकत सामने रखी थी। उसके बाद अब मंत्री ने अचानक अस्पताल का दौरा कर वहां की हकीकत जानी है। गुरुवार को मंत्री के दौरे के समय आईसीयू में तीन गंभीर मरीज भर्ती थे। स्वास्थ्य मंत्री डॉ धन सिंह रावत ने कहा कि अस्पताल के अधिकारियों को मरीजों के इलाज में किसी भी तरह की लापरवाही न करने के निर्देश दिए गए हैं।

एक स्टाफ ने मंत्री को चलते वक्त कहा कि सर यहां कुछ सम्भल नहीं रहा। कुछ बदलाव कर दीजिए, मंत्री ने चुटकी लेते हुए कहा जल्द बड़े बदलाव दिखेंगे।

डीजी को फोन कर हटाई डॉक्टर की ड्यूटी

बर्न एवं रिकन्सट्रक्टिव सर्जन डॉ कुश एरन की ड्यूटी कांवड़ यात्रा में लगाए जाने की शिकायत एक बर्न के मरीज के तीमारदार ने की। जिस पर मरीज ने डिजी हेल्थ को फोन कर उनकी ड्यूटी हटाने और मरीज़ो को परेशान न होने देने की बात कही। क्योंकि स्पेशलिस्ट की जरूरत अस्पतालों में है।

 

 

 

 

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