इंटरव्यू

झारखंड के मदरसों को 6 साल बाद मिली अनुदान राशि, शिक्षा मंत्री जगन्नाथ महतो ने केंद्र को लिखा था पत्र

रांची : राज्य के मदरसों को छह साल बाद केंद्र से अनुदान मिला है. केंद्र द्वारा देश भर में मदरसा एसपीक्यूइएम/एसपीइएमएम को अनुदान दिया जाता है. केंद्र द्वारा वर्ष 2009 में योजना शुरू की गयी थी. योजना लागू होने के बाद वर्ष 2015-16 से वर्ष 2020-21 तक मदरसा को अनुदान नहीं मिला. अब केंद्र ने वर्ष 2021-22 के लिए अनुदान स्वीकृत किया है. शिक्षा मंत्री जगरनाथ महतो ने अनुदान को लेकर केंद्रीय अल्पसंख्यक कार्य मंत्री मुख्तार अब्बास नकवी को पत्र लिखा था.

उन्होंने बताया था कि राज्य के मदरसों को योजना के तहत वर्ष 2015-16 से अनुदान नहीं मिला है, जबकि पूर्व में दी गयी अनुदान राशि का उपयोगिता प्रमाण पत्र भी विभाग ने उपलब्ध कराया था. शिक्षा मंत्री ने केंद्रीय मंत्री से योजना के तहत अनुदान देने का आग्रह किया था. अब केंद्रीय अल्पसंख्यक कार्य मंत्री ने शिक्षा मंत्री को पत्र लिखा है. उनके पत्र में वर्ष 2021-22 के लिए अनुदान राशि देने की बात कही गयी है. पिछले वर्षों में प्रस्ताव राज्य की ओर से नहीं भेजा गया था. राज्य की ओर से प्रक्रिया पूरी नहीं किये जाने के कारण ही अनुदान नहीं मिल पाया.

गुणवत्ता युक्त शिक्षा के लिए दी जाती है राशि

मदरसा को इस योजना के तहत गुणवत्तापूर्ण शिक्षा के लिए अनुदान राशि दी जाती है. मदरसा में गणित, विज्ञान, सामाजिक विज्ञान, भाषा, कंप्यूटर जैसे विषयों की पढ़ाई के लिए राशि दी जाती है. इसके तहत इन विषयों को पढ़ानेवाले शिक्षकों को राशि दी जाती है. स्नातकोत्तर प्रशिक्षित व स्नातक प्रशिक्षित शिक्षक को प्रतिमाह 12 हजार रुपये दिये जाते हैं. इंटर प्रशिक्षित शिक्षकों को भी राशि दी जाती है.

68 मदरसों के शिक्षकों को मिलेगी राशि

राज्य के 68 मदरसों के लिए अनुदान राशि स्वीकृत की गयी है. केंद्रीय शिक्षा मंत्रालय द्वारा प्रथम किस्त जारी कर दी गयी है. एक करोड़ 77 लाख रुपये स्वीकृत किये गये हैं. राज्य के मदरसों को केंद्रीय योजना के तहत मिलनेवाला अनुदान नहीं मिल रहा था. जानकारी मिलने पर केंद्रीय अल्पसंख्यक कार्य मंत्री को पत्र लिख अनुदान का आग्रह किया. केंद्र द्वारा दी गयी जानकारी के अनुसार, वर्ष 2021-22 लिए राशि स्वीकृत की गयी है.

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