दिल्ली

इतने साल बाद मिली महिला मेयर: दिल्ली

दिल्ली को 10 साल बाद महिला मेयर मिली है। 2011 में भाजपा की रजनी अब्बी आखिरी महिला मेयर थीं। इसके बाद 2012 में शीला दीक्षित सरकार में दिल्ली नगर निगम को 3 हिस्सों में बांटा गया था।

2022 में इन हिस्सों को मिलाकर फिर से एक कर दिया गया। इसके बाद यह पहला चुनाव था।

जीत के बाद बोलीं शैली- सीएम केजरीवाल की 10 गारंटी पर काम करेंगे
मेयर चुनाव जीतने के बाद शैली ने कहा कि हमें जनता की उम्मीदों को पूरा करने के लिए साथ काम करना होगा।

इसके लिए हम सीएम केजरीवाल की जनता को दी गई 10 गारंटी पर काम करेंगे।

लैंडफिल साइट का निरीक्षण 3 महीनों के अंदर किया जाएगा। उधर, शैली ओबेरॉय की जीत के बाद सीएम अरविंद केजरीवाल ने कहा कि गुंडागर्दी हार गई, दिल्ली की जनता जीत गई।

8 दिसंबर को आया MCD चुनाव का रिजल्ट, 15 साल बाद भाजपा बाहर हुई:

दिल्ली में MCD चुनाव 4 दिसंबर को हुए थे, जबकि इनका रिजल्ट 8 दिसंबर को आया था।

चुनाव में 15 साल बाद भाजपा को MCD में बहुमत नहीं मिला था।

250 सीट के सदन में मेयर बनने के लिए 138 वोट चाहिए थे।

मेयर चुनाव में 241 पार्षद, 10 सांसद और 14 विधायकों ने वोट डाले। 9 कांग्रेस पार्षदों ने चुनाव में हिस्सा नहीं लिया।

वोटिंग से पहले पुलिस से भिड़े आप पार्षद:

सुबह 11 बजे वोटिंग शुरू होने से पहले सिविक सेंटर में हंगामे जैसे हालात दिखे।

आप पार्षदों की पुलिस से झड़प भी हुई। आप  पार्षद सदन में बीजेपी विधायक विजेंद्र गुप्ता की एंट्री का विरोध कर रहे थे।

हंगामे की आशंका को देखते हुए सदन में सुरक्षा के पुख्ता इंतजाम किए गए। सदन में एसएसबी जवानों को तैनात किया गया।

इससे पहले 3 बार चुनाव नहीं हो सके:

इससे पहले 3 बार मेयर चुनाव कराने की कोशिश की गई, लेकिन भाजपा और आप मेंबर्स के हंगामे के चलते ये नहीं हो सके।

हंगामे की वजह एलजी वीके सक्सेना की ओर से मनोनीत 10 MCD सदस्यों को वोट देने की अनुमति का फैसला था।

इसे लेकर आप  की मेयर प्रत्याशी शैली ओबेरॉय सुप्रीम कोर्ट पहुंच गई थीं।

17 फरवरी को सुप्रीम कोर्ट ने आप  के पक्ष में फैसला सुनाया था।

24 घंटों के अंदर नोटिस जारी करने के लिए कहा था।

इसके बाद दिल्ली के सीएम अरविंद केजरीवाल ने उपराज्यपाल को 22 फरवरी को चुनाव कराने का प्रस्ताव दिया था, जिसे उन्होंने 2 घंटे में ही मान लिया।

मेयर के साथ डिप्टी मेयर और स्थायी समिति के छह सदस्यों के लिए 6 जनवरी, 24 जनवरी और 6 फरवरी को 3 बार कोशिशें हुईं, लेकिन हर बार भाजपा और आप के हंगामे के बाद कार्यवाही स्थगित हो गई।

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