देहरादून

दून में आवासीय नक्शे पर फ्लैट बनाने वाले बिल्डर-आर्किटेक्ट होंगे ब्लैकलिस्ट: MDDA

इसमें उनकी मदद कुछ विशेष आर्किटेक्ट कर रहे हैं, शिकायतें मिलने के बाद एमडीडीए उपाध्यक्ष बंशीधर तिवारी ने इस पर प्रभावी अंकुश लगाने के लिए ऐसे बिल्डरों और आर्किटेक्ट को चिह्नित करने के निर्देश दिए हैं।

ताकि भविष्य में ऐसे व्यक्तियों के नक्शे पास ही न किए जा सकें।

फ्रॉड करने वाले बिल्डरों पर होगी कार्रवाई:

एमडीडीए वीसी तिवारी के मुताबिक ङ्क्षसगल यूनिट आवासीय नक्शा कोई भी व्यक्ति अपनी सीमित जरूरत की पूर्ति के लिए पास कराता है।

लेकिन, जब इस नक्शे की जगह फ्लैट खड़े कर दिए जाते हैं तो उससे पार्किंग का दबाव बढ़ जाता है, जबकि सेटबैक और अन्य नियम फ्लैट के मुताबिक पूरे नहीं किए जाते।

इससे सुनियोजित विकास की अवधारणा को झटका लगता है।

शहर में ऐसे चुङ्क्षनदा बिल्डर और आर्किटेक्ट ही हैं, जो धड़ल्ले से इस तरह के निर्माण कर उनकी बिक्री करते रहते हैं।

ऐसे व्यक्तियों को चिह्नित करने के लिए सेक्टरवार सभी अभियंताओ और अन्य कार्मिकों को जिम्मेदारी दी गई है।

15 दिन में सामने होंगे सभी बिल्डर:

वीसी बंशीधर तिवारी ने बताया कि ङ्क्षसगल यूनिट के नक्शे पर फ्लैट तैयार करने के मामले में कई जगह चलान किए गए हैं।

इस तरह के चालान से यह स्पष्ट हो सकेगा कि कौन लोग बार-बार ऐसा काम कर रहे हैं।

साथ ही निगरानी से भी कई नाम सामने आएंगे।

आदतन इस तरह का काम करने वाले सभी बिल्डरों और आर्किटेक्ट को भविष्य के लिए ब्लैकलिस्ट कर दिया जाएगा।

जानकारी जुटाने के लिए अधिकारियों को 15 दिन का समय दिया गया है।

आवासीय नक्शा पास कराकर फ्लैट बनाकर बेचने वाले बिल्डरों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाएगी।

बिल्डरों के साथ ही इस फ्रॉड में शामिल आर्किटेक्ट को भी चिन्हित कर ब्लैकलिस्ट किया जाएगा।

इन सभी की जानकारियां जुटाने के लिए अधिकाकारियों और कर्मचारियों को 15 दिन का समय दिया गया है।

गलत नक्शा पास कराकर पब्लिक के साथ फ्रॉड करने वालों को कतई बख्शा नहीं जाएगा।

90 लोगों के 31 करोड़ लेकर बिल्डर फरार, सीएम से लगाई गुहार:

फ्लैट खरीदारों ने सीएम से लगाई गुहार:

दून में पुष्पांजलि इंफ्राटेक की आर्किड पार्क आवासीय परियोजना अधर में लटकी है और बिल्डर दीपक मित्तल फ्लैट खरीदारों के करोड़ों रुपये लेकर फरार चल रहा है।

स्थिति यह है कि 90 फ्लैट खरीदारों में से 62 रेरा में शिकायत दर्ज करा चुके हैं, लेकिन करीब दो साल से राहत की जगह नागरिकों को सिर्फ तारीख पर तारीख मिल रही है।

अब हताश फ्लैट खरीदार थर्सडे को सीएम पुष्कर ङ्क्षसह धामी से मिले और न्याय की गुहार लगाई।

सीएम धामी से मुलाकात में फ्लैट खरीदारों ने कहा कि बिल्डर 90 व्यक्तियों के 31 करोड़ रुपये से अधिक लेकर फरार चल रहा है।

जिस परियोजना के नाम पर यह रकम ली गई है, उसकी जगह सिर्फ अधूरे ढांचे खड़े हैं।

रेरा किसी अन्य बिल्डर से अधूरी परियोजना पूरी करने में दिलचस्पी नहीं दिखा रहा और दूसरी तरफ ईडी ने परियोजना को अटैच कर प्रकरण को नया मोड़ दे दिया है।

ऐसे में फ्लैट खरीदार ठगे से नजर आ रहे हैं।

नागरिकों ने मांग की रेरा में प्रकरण की सुनवाई फास्ट ट्रैक के आधार पर कराई जाए और पुलिस को निर्देश दिए जाएं कि वह फरार चल रहे दीपक मित्तल और उनकी पत्नी राखी मित्तल की शीघ्र गिरफ्तारी कराए।

 

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