INDIA

भारत, विश्व की तीसरी शक्ति बनकर उभरा। ।

आखिरकार क्या भारत वाकई विश्व की तीसरी आर्थिक शक्ति बनने की राह पर है या फिर यह सिर्फ एक चुनावी जुमला है।

भारतीय अर्थव्यवस्था के उत्थान में कुछ गंभीर संकेत। । 

2014 में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में भारत की अर्थव्यवस्था ने एक तेजीपूर्ण सफलता दर्शाई है।

देश की जी.डी.पी. लगभग दो ट्रिलियन डॉलर से जुड़ी होती थी, जो वर्ष 2023 में पौने चार ट्रिलियन डॉलर हो गई है।

इससे पता चलता है कि भारत की अर्थव्यवस्था तेजी से बढ़ रही है और विश्व में अपनी स्थिति मजबूत कर रही है।

इन नौ वर्षों में, भारत दुनिया की 5वीं सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था बन गया है, जो एक महत्वपूर्ण उपलब्धि है।

यह स्वतंत्र भारत के इतिहास में एक महत्वपूर्ण पलटन है, क्योंकि इसे पूरे एक वर्षशताब्दी में पाया गया है।

यह विकास भारत के लिए गर्व की बात है और देश की अर्थव्यवस्था को विश्वस्तरीय मंच पर उच्च स्थान प्रदान करता है।

अमरीकी निवेशक बैंक मॉर्गन स्टेनली के अनुसार, भारत को 2027 तक जापान और जर्मनी को पीछे छोड़कर तीसरी सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था बनने का अनुमान है।

(अंतर्राष्ट्रीय मुद्रा कोष)जानकारी के अनुसार, भारत की जी.डी.पी. 2027 तक 5.4 ट्रिलियन डॉलर तक पहुंच सकती है।

विकास में चुनौतियां और अवसर। । 

हालांकि, भारत के विकास में कई अवसर और चुनौतियां भी हैं। देश के सामाजिक और राजनीतिक ढांचे को ध्यान में रखते हुए, कई चुनौतियां अभी भी देश के सामने हैं।

चीन की बढ़ती संकटों और विपदाओं से तुलना में, भारत की अर्थव्यवस्था कोविड-19 के भयावह काल के बाद तेजी से सुधार कर रही है।

विश्वविद्यालयों और अन्य अनुसंधान संस्थानों के शोधपत्रों के अनुसार, भारतीय अर्थव्यवस्था में वृद्धि दर वर्ष 2023 में 6.1 प्रतिशत रहने की संभावना है।

भारतीय अर्थव्यवस्था के विकास में कुछ दुर्भाग्यपूर्ण चीजें भी शामिल हैं। भारतीय राजनीति में विभाजनकारी तकनीक और पार्टी राजनीति भारतीय विकास को अवरुद्ध कर सकती है।

देशवासियों के सामाजिक और आर्थिक विकास को बेहतर बनाने के लिए राष्ट्रहित को गौण करके राजनीतिक स्वार्थ को पूरा करने की विकृति से भारत को निपटना होगा।

काम के मुद्दे को भारत को अपनी विकास यात्रा में उभारने के लिए तैयार होना होगा।

देश को विभाजनकारी राजनीति को पार करने और अधिक एकीकृत दिशा में अग्रसर होने के लिए सामाजिक और आर्थिक सुधारों के साथ अपनी प्रतिबद्धता को साबित करने की आवश्यकता है।

भारत, विश्व की तीसरी आर्थिक शक्ति बनने की राह पर है, लेकिन इसमें कुछ चुनौतियां भी हैं।

अर्थव्यवस्था के विकास में सामाजिक और राजनीतिक मुद्दे को समझते हुए, देश को अपने विकास के लिए निरंतर प्रयास करने की आवश्यकता है।

भारत को विश्वस्तरीय अर्थव्यवस्था की श्रेणी में स्थान देने के लिए सभी समृद्धि को विकसित करने के लिए एकीकृत प्रयास करने की जरूरत है।

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के दावे की वास्तविकता का ज्ञान शोधपत्रों और अन्य प्रमाणिक संगठनों के आधार पर हो सकता है, और विकास में हो रही तेजी भारत के पक्ष में जरूरी बात है।

देश को अगर विश्व की तीसरी आर्थिक शक्ति बनने के लिए और अधिक उच्चारणियों पर खड़ा होने की इच्छा है, तो इसे संबोधित चुनौतियों से जूझने के लिए तैयार रहना होगा।

विभाजनकारी राजनीति की भावना से मुक्त होकर देश को सबको साथ लेकर विकास की नई ऊँचाइयों को छूने का समय आ गया है।

 

Related Articles

Back to top button