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पतंजलि मधुनाशिनी वटी के फायदे व वटी लेने का तरीका, किडनी पर प्रभाव पड़ता है

आज यहाँ हम आपके लिए पतंजलि मधुनाशिनी वटी के फायदे व मधुनाशिनी वटी लेने का तरीका क्या है और  मधुनाशिनी वटी खाने का तरीका के साथ आपको मधुनाशिनी वटी पतंजलि के बारे में मधुनाशिनी वटी का किडनी पर प्रभाव बताएँगे जो आपके लिए जानना बेहद जरुरी है।

पतंजलि मधुनाशिनी वटी के फायदे : यह वटी आयुर्वेद में प्राचीन औषधि है जिसका उपयोग सदियों किया जा रहा है इससे आपका मधुमेह रोग यानि की डायबिटीस को ठीक करने में तथा रक्त शर्करा या ग्लूकोस के स्तर को बेहतर पकड़ बनाने में मदद करता है।

  1. पतंजलि मधुनाशिनी वटी मधुमेह रोगी के स्वास्थ्य में सुधार करता है।
  2. नसों, हृदय, आंखों, रक्त वाहिकाओं और गुर्दे की रक्षा पतंजलि मधुनाशिनी वटी करता है।
  3. शरीर के अंगों को लंबे और स्वस्थ जीवन का आनंद लेने में मदद पतंजलि मधुनाशिनी वटी करता है।
  4. अंगों को उनके कार्यों को बेहतर ढंग से निष्पादित करने में सहायता करके उनकी दक्षता में सुधार पतंजलि मधुनाशिनी वटी करता है।

मधुनाशिनी वटी खाने का तरीका

डायबिटीज को आयुर्वेद में मधुमेह के नाम से जाना जाता है। लाभकारी जड़ी बूटियों की उपस्थिति के कारण, मधुनाशिनी मधुमेह के लिए एक बहुत ही अच्छी दवा है। यह मुख्य रूप से निम्नलिखित सामग्री से बनता है जिसकी सूची निचे दिया गया है।

  1. अश्वगंधा
  2. बरगद या वट जट्टा
  3. अमलाकी
  4. चिरयता
  5. सपरंगी
  6. गोक्षुरा
  7. गुरमार
  8. गिलोय या गुडुची
  9. बिभीतकी (बहेरा)
  10. नीम – आज़ादीराछा इंडिका
  11. बिल्वा (बेल)
  12. कुटजा
  13. हरीतकी (हरार) छोटी
  14. कचूर (ज़ेडोअरी)

मधुनाशिनी वटी खाने का तरीका अलग-अलग व्यक्तियों में भिन्न हो सकती है। मधुनाशिनी वटी खाने का तरीका व्यक्ति की हालत पर निर्भर करता है:

  • उम्र
  • शरीर की ताकत
  • भूख पर प्रभाव
  • गंभीरता
  • रोगी की स्थिति

आयुर्वेदिक चिकित्सक से परामर्श बहुत ज्यादा जरूरी है। वह रोगी के संकेतों, पिछली चिकित्सा स्थितियों का आकलन करेगा। और, फिर एक विशिष्ट अवधि के लिए एक प्रभावी मधुनाशिनी वटी खाने का तरीका का सुझाव देगा । वयस्कों में, खुराक दिन में दो बार 1 या 2 गोलियां हो सकती है। इस वटी को नाश्ते और रात के खाने से एक घंटा पहले पानी या गुनगुने दूध के साथ लें।

मधुनाशिनी वटी का किडनी पर प्रभाव

इसका किडनी पर ज्यादा दुष्प्रभाव नहीं पड़ता है हालाँकि आपको इसे अपने सम्बंधित विशेषज्ञ से परामर्श लेने के बाद ही प्रयोग करना चाहिए। इसे अधिक मात्रा में लेने से आपकी किडनी पर सामान्य प्रभाव दिख सकते हैं परन्तु इस तथ्य के बारे में फिलहाल उल्लेख नहीं है इसका प्रभाव अधिक नहीं पड़ेगा यदि आप अपने डॉक्टर की सलाह के अनुसार इसे लेते हैं तो आपको इसके फायदे ही मिलेंगे इसके दुष्प्रभाव यानि नुकशान की आशंका काम होती है यह एक आयुर्वेदि वटी है जिससे की इसका नुकसान नहीं हो सकता है कुछ मामलों में।

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