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पीएम मोदी के सामने मंच पर एमके स्टालिन ने लगाए जितने आरोप, भाजपा ने यूं दिए जवाब

तमिलनाडु में डीएमके की सरकार बनने के बाद पहली बार प्रधानमंत्री मोदी चेन्नई पहुंचे थे। यहां एक कार्यक्रम के दौरान पीएम मोदी और मुख्यमंत्री एमके स्टालिन मंच साझा कर रहे थे। एमके स्टालिन ने अपने भाषण के दौरान केंद्र सरकार और भाजपा पर जमकर हमला बोला और कई आरोप लगाए। उन्होंने तमिल भाषा के साथ भेदभाव का भी आरोप लगाया जिसका पीएम मोदी ने मंच पर ही जवाब दे दिया।

तमिलनाडु के भाजपा प्रमुख के अन्नामलाई ने भी एमके स्टालिन पर पलटवार किया और उन्होंने कहा कि उनके इस व्यवहार से वह बेहद शर्मिंदा हैं। अन्नामलाई ने कहा, नरेंद्र मोदी एक प्रधानमंत्री के तौर पर पहुंचे थे। यह कोई भाजपा का कार्यक्रम नहीं था। हमारे मुख्यमंत्री को विनम्रता दिखानी चाहिए थी लेकिन उन्होंने अभद्रता दिखायी।

कच्चातिवु द्वीप के लिए एमके स्टालिन ने रखी थी मांग

एमके स्टालिन ने कहा कि प्रधानमंत्री जी कच्चातिवु द्वीप को वापस लाएं। यह द्वीप भारत ने श्रीलंका का गिफ्ट में दे दिया था। इसपर अन्नामलाई ने जवाब देते हुए ट्विटर पर कहा, हमारे मुख्यमंत्री चाहते हैं कि कच्चातिवु द्वीप वापस आए लेकिन वह भूल जाते हैं कि 1974 में किसी और ने नहीं बल्कि श्रीमती इंदिरा गांधी ने इसे श्रीलंका को गिफ्ट में दिया था। डीएमके और कांग्रेस गठबंधन बनाते हैं और मिलकर जनता को लूटते हैं। अब अचानक क्यों जाग गए?

GST को लेकर मांग पर यूं दिया जवाब

एमके स्टालिन ने कहा कि केंद्र सरकार चाहती है कि राज्य सरकारें जनता की सेवा न कर पाएं। तमिलनाडु सरकार को केंद्र से अब तक 21761 करोड़ की राशि नहीं मिली है। इसपर अन्नामलाई ने कहा कि जीएसटी के मामले में एमके स्टालिन को समझना चाहिए कि काउंसिल ने सभी की सहमति से फैसले किए थे। तमिलनाडु ने मुआवजे का जो विकल्प चुना था उसके तहत जुलाई 2022 के बाद उसे धनराशि मिलनी चाहिए। वे फालतू का मुद्दा बना रहे हैं। अब कि जब जीएसटी कलेक्शन बढ़ा है तो तमिलनाडु को भी ज्यादा फायदा हो रहा है। वे तथ्यों को छोड़कर केवल राजनीति करना चाहते हैं।

तमिल भाषा पर मोदी ने भी दिया था जवाब

सीएम स्टालिन ने मंच पर पीएम मोदी से मांग की थी कि तमिल का आधिकारिक और न्यायालय की भाषा बनाया जाए। उसे हिंदी के समान दर्जा दिया जाए। इसपर पीएम मोदी ने मंच से ही जवाब देते हुए कहा था कि तमिल शाश्वत और वैश्विक भाषा है। तमिल भाषा , संस्कृति के लिए भारत सरकार प्रतिबद्ध है। भारत सरकार इसके लिए फंड भी जारी करती है। वहीं के अन्नामलाई ने भी जवाब दिया और कहा कि पीएम मोदी ने तमिल भाषा के प्रति अपना लगाव प्रकट किया। मुझे नहीं लगता कि स्टालिन को अब कोई जवाब देना चाहिए क्योंकि वे केवल तुच्छ राजनीति में यकीन करते हैं।

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