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Nana Patekar

"Nana Patekar, who has won three National Awards, is called an eccentric and temperamental actor of the industry."

तीन नैशनल अवॉर्ड्स हासिल कर चुके नाना पाटेकर इंडस्ट्री के सनकी और मनमौजी ऐक्टर कहलाते हैं। बॉलिवुड में कई यादगार किरदार निभा चुके नाना इन दिनों ‘अब तक छप्पन 2’ से चर्चा में हैं। उनकी नई फिल्म के बहाने हमने उनसे फिल्म के अलावा उनकी दोस्ती, ख्वाहिश, प्यार और पैशन की खूब सारी बातें कीं।

आप मायूस लग रहे हैं, कोई खास वजह?

सच कहूं तो आज मैं इंटरव्यू के लिए आना नहीं चाहता था। मेरा प्यारा दोस्त आबा (पूर्व गृह मंत्री आर. आर. पाटिल) नहीं रहा। इतना बेहतरीन दोस्त कोई हो ही नहीं सकता। पिछले 12 सालों से हमारी दोस्ती थी। मैं अक्सर उसके गांव के घर में जाकर खाना खाता था और उसके साथ वक्त बिताना मुझे बहुत अच्छा लगता था। अभी हाल ही में हमने उसके गांव के पास कवथे महाकाल नामक जगह पर जाने की योजना बनाई थी। पुणे से हम साथ में चॉपर से गए और साथ आए। काफी मजा आया था। बस वही हमारी आखिरी मुलाकत थी। (भावुक हो उठते हैं)

दोस्ती के मामले में इंडस्ट्री में किन लोगों के करीब हैं आप?

इंडस्ट्री में जैकीश्रॉफ मेरा बहुत अच्छा दोस्त है। अनिल कपूर और चिंटू (ऋषि कपूर) से भी गहरा याराना है। मिथुन चक्रवर्ती भी मेरे बहुत क्लोज हैं। एक नाम के बगैर मेरे दोस्तों की यह लिस्ट पूरी नहीं होगी और वह है डिंपल। डिंपल को मैं अपना अच्छा दोस्त मानता हूं। इन लोगों से जब भी मिलना होता है, दिल से मिलता हूं। वैसे नसीर से भी मेरी मित्रता है।

चुनिंदा फिल्में करने वाले नाना पाटेकर के लिए ‘अब तक छप्पन 2’ करने की खास वजह क्या रही?

इस फिल्म को करने के कई कारण थे। सबसे पहली बात इस किरदार से मुझे बड़ा लगाव है। जब आप सीक्वल करते हैं, तो आपको उस रोल की पूरी गुडविल मिलती है। उस किरदार को डिवेलप करने में आपका समय बर्बाद नहीं होता। माना जा रहा है कि फिल्म को रिलीज हुए दस साल हो चुके हैं, लेकिन इस बीच के अंतराल में यह फिल्म टीवी पर अनेकों बार आती रही है तो लोगों के जेहन में यह फिल्म हमेशा ताजा रही है। सीक्वल में अब साधु आगाशे बूढ़ा हो गया है, पर तेवर वही हैं। वह पूरी तरह से टूटा हुआ है, दुनिया से बेगाना हो चुका है। उसका बेटा संगीत के संसार में रमा हुआ है। ऐसे में उसके बॉस मोहन आगाशे उसे डिपार्टमेंट में वापस बुलाना चाहते हैं। उसके डिपार्टमेंट में वापस आने के बाद क्या होता है? यही ‘अब तक छप्पन 2’ में दर्शाया गया है। वैसे सीक्वल करते हुए एक ऐक्टर के पास गंवाने को कुछ नहीं होता।

आपकी इमेज गुस्सैल और सनकी ऐक्टर की है। असल जिंदगी में आप कैसे हैं?

मैं असल जिंदगी में भी वैसा ही हूं, जैसा लोग मेरे बारे में सोचते हैं। मैं मूडी, सनकी, गुस्सैल, दुस्साहसी और मनमौजी भी हूं। देखिए मैं गलत बात बर्दाश्त नहीं कर पाता। अगर आपने कहा है कि मैं पांच बजे आऊंगा, तो फिर समय पर आना आपकी जिम्मेदारी है और अगर आप उसे नहीं निभा पाते तो मुझे गुस्सा आना स्वाभाविक है। उसी तरह से मेरी गलती होती है तो मुझे भी माफी मांगनी आनी चाहिए।

आप फिल्मों को लेकर इतने चूजी क्यों हैं ?

आप काम क्यों करना चाहते हो? इसीलिए कि एक कलाकार के तौर पर आपको तसल्ली और पैसे मिलें। मुझे जितने पैसे चाहिए थे, मिल चुके हैं। जिस चरित्र में तसल्ली मिलती है, उसे जरूर निभाता हूं। मैं पैसों और शोहरत का भूखा नहीं हूं। न ही मुझे किसी पुरस्कार और प्रशंसा की ख्वाहिश है। मुझे ‘परिंदा’, ‘क्रांतिवीर’ और ‘अग्निसाक्षी’ के लिए तीन नैशनल अवॉर्ड मिल चुके हैं। मैं अपनी खुशी के लिए काम करता हूं।

आज आपको पैसों की ख्वाहिश नहीं, लेकिन क्या संघर्ष के दौर में आप पैसों के लिए तरसे हैं?

बहुत ज्यादा तरसा हूं। एक-एक रोटी का मोहताज था। 13 साल की उम्र से मैंने काम शुरू कर दिया था। उन दिनों स्कूल के बाद सिनेमा के पोस्टर पेंट किया करता था। 16 किलोमीट रोजाना चलता था। तब एक वक्त का खाना और 35 रुपये महीने के मिला करते थे। उस वक्त जब मुझसे पूछा जाता कि सबसे सुगंधित फूल कौन-सा है, तो मैं कहता ‘रोटी’ क्योंकि उस वक्त उससे बेहतर कोई खुशबू ही नहीं थी मेरे लिए। उन तमाम अनुभवों के बावजूद मेरे अंदर पैसों को लेकर कभी भी असुरक्षा नहीं बढ़ी। असल में मेरी जरूरतें हमेशा सीमित रही हैं। मैं तो किताबों, संगीत और अच्छी फिल्मों का शौकीन हूं।

आप कुकिंग और खेती-बाड़ी भी बहुत चाव से करते हैं?

कुकिंग मेरा पैशन है और खेती मुझे बहुत पसंद है। जब भी शूटिंग होती है मैं 110 लोगों की पूरी यूनिट के लिए खाना पकाता हूं। खिलाने का अपना सुख होता है तभी तो संसार में मां सबसे ज्यादा सुखी होती है। सिंहगढ़ फोर्ट के पास मेरी दस एकड़ जमीन है, जहां मैं चावल, मूंगफली, लहसुन, प्याज जैसी चीजों की खेती करता हूं। मेरे पास बैल है और जल्द ही मैं चार गाय लाने वाला हूं।

चार्मिंग और मर्दाना नाना पाटेकर प्यार से मरहूम क्यों हैं?

असल जिंदगी में आपको क्या मालूम कि हम प्यार से मरहूम हैं या नहीं। (ठहाका लगाते हैं) जहां तक फिल्म की बात है, तो मैं दो लव-स्टोरी कर रहा हूं। एक लव-स्टोरी को प्रकाश राज (वॉन्टेड फेम) डायरेक्ट कर रहे हैं और दूसरी प्रेम कहानी का निर्देशन मैं करूंगा। यह वर्ल्ड वॉर सेकंड के बाद की प्रेम कहानी होगी। इसमें मैं एक्स आर्मी अफसर का किरदार निभा रहा हूं। वह नाना पाटेकर स्टाइल का प्यार होगा। ‘मैंने तुझे मांगा’ टाइप पेड़ों के इर्द-गिर्द नाचने-गाने वाला प्यार नहीं होगा।

आप किस निर्देशक के साथ काम करने की तमन्ना रखते हैं?

मैं राजू हिरानी के साथ काम करने का इच्छुक हूं। अभी हाल ही में वह मुझे मिला था और मैंने उससे पूछा था कि मैं इतना टैलंटेड ऐएक्टर हूं, तू मुझे कास्ट क्यों नहीं करता? तब उसने मुझे बताया कि वह पुणे इंस्टिट्यूट के दौरान मेरे द्वारा अभिनीत एक डिप्लोमा फिल्म को एडिट कर चुका है। उसके निर्देशक श्रीराम राघवन थे। उसने कहा है कि वह जल्द ही मेरे पास एक अच्छा रोल लेकर आएगा। मैं उसकी सभी फिल्मों का फैन हूं। ‘मुन्ना भाई एमबीबीएस’ उसकी बेहतरीन फिल्म है।

सुना है कि अपने प्रॉडक्शन की ‘नटसम्राट’ के लिए आप कड़ी मेहनत कर रहे हैं?

‘नटसम्राट’ एक ऐक्टर की कहानी है। मैं आजकल दिन-रात उसी में डूबा रहता हूं। ‘अब तक छप्पन 2’ से मैं निकल चुका हूं। यह फिल्म मशहूर नाटक पर आधारित है। इसका निर्देशन महेश मांजरेकर करेंगे। इस रोल के लिए मैंने दाढ़ी बढ़ाई और वजन भी कम किया है। मैं जिस वक्त जो रोल करता हूं, वही किरदार बन जाता हूं। इस रोल की वजह से मेरी झुर्रियां बढ़ गई हैं।

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