उत्तराखण्ड

इस साल नहीं होगी सावन के महीने में होने वाली कांवड़ यात्रा, आदेश जारी

हर साल सावन के महीने में होने वाली कांवड़ यात्रा इस साल नहीं होगी। शहरी विकास विभाग ने यात्रा पर रोक संबंधी आदेश जारी कर दिए हैं।

दरअसल, कोरोना की दूसरी लहर के शुरुआती दौर में हरिद्वार कुंभ के बाद से सरकार अतिरिक्त एहतियात बरत रही है। कोरोना की तीसरी लहर के खतरे को भांपते हुए सरकार ने कांवड़ यात्रा पर रोक लगाई है।

मुख्य सचिव ओमप्रकाश के निर्देश के बाद शहरी विकास विभाग ने इसके आदेश कर दिए। शहरी विकास विभाग के अधिकारियों ने इसकी पुष्टि की। आपको बता दें कि हर साल कांवड़ यात्रा में देशभर से श्रद्धालु आते हैं। उनकी आवाजाही से कोरोना संक्रमण का खतरा ज्यादा है।

वायरस के नए वेरिएंट डेल्टा प्लस को देखते हुए यात्रा न करने का फैसला
कोविड महामारी के कारण इस साल भी कांवड़ यात्रा नहीं होगी। कोरोना की तीसरी लहर और वायरस के नए वेरिएंट डेल्टा प्लस को देखते हुए कांवड़ यात्रा न करने का फैसला लिया है।

हर साल कांवड़ यात्रा में दिल्ली, पंजाब, हरियाणा, उत्तर प्रदेश समेत अन्य राज्यों के लाखों शिव भक्त गंगा जल लाने के लिए हरिद्वार आते थे।

पिछले साल 15 मार्च को प्रदेश में कोरोना संक्रमण का पहला मामला मिला था। संक्रमण के खतरे को देखते हुए सरकार ने कांवड़ यात्रा को स्थगित करने का निर्णय लिया था। साथ ही सरकार ने यह भी फैसला लिया था कि शिव भक्तों को गंगा जल उन्हीं के राज्यों में उपलब्ध कराया जाएगा।

कांवड़ यात्रा में कुंभ की तरह श्रद्धालुओं की भीड़ उमड़ती है
कांवड़ यात्रा में दूसरे राज्यों से लाखों की संख्या में कांवड़ियां हर की पैड़ी आते हैं। जहां से गंगाजल लेकर शिवरात्रि पर अपने-अपने क्षेत्रों के शिवालयों में जलाभिषेक करते हैं। पर्यटन सचिव दिलीप जावलकर का कहना है कि कांवड़ यात्रा को स्थगित करने का सरकार की ओर से निर्णय हो चुका है। अभी विभाग की ओर से इसका आदेश नहीं हुआ है।

 

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